Sunday, November 29, 2009

भाषा हमार

प्रिय श्री
बंजारी  भाषा हमारे संस्कृति र पहचान / ओळख छ.
ये भाषा मा वाते करेन लाज/ शर्म करणु गलत छ. 
आपणे  छपच्यारून आपणी भाषा मा वाते करेन लगाड़ो.
दुसरेन भी केते रो.
 
रामराव चौहान

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Jai sevalal,Gormati.......I think,you want to write something.