सिका छ ,सीकावा छ, सीके राज घडवा छ,सीको गोरमाटी सिकलो रा, सिक सिक राज पथ चढलो रा,सीके वाळो सिक पर लेल सेवारो रूप रा.---Dr.Chavan Pandit


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Wednesday, August 26, 2009

Honor of Goaar Students at Sitharama Thanda

Independence Day of India
Honor of Goaar Students at Sitharama Thanda Guests and Teachers at the Independence Day Function organized by Government Higher Primary School, Sitharama Thanda, HOSPET (TQ), BELLARY (DIST), KARNATAKA (STATE).




Students of Government Higher Primary School, Sitharama Thanda, HOSPET (TQ), BELLARY (DIST), KARNATAKA (STATE) at the occasion of Independence Day function





Engineer Laxman L.D. presenting award to a girl student at the function organized by Government Higher Primary School, Sitharama Thanda, HOSPET (TQ), BELLARY (DIST), KARNATAKA (STATE).


Engineer Laxman L.D. presenting award to a boy student at the function organized by Government Higher Primary School, Sitharama Thanda, HOSPET (TQ), BELLARY (DIST), KARNATAKA (STATE).

Engineer Laxman L.D. presenting award to a boy student at the function organized by Government Higher Primary School, Sitharama Thanda, HOSPET (TQ), BELLARY (DIST), KARNATAKA (STATE).
Jai Shri Sevalal Ji Maharaj!
This is L. Krishna Naik, Head Master, Govt. Higher Primary School, Sitharama Thanda. My school function Prize photos about function on 15.08.2009 through Shri Laxman L.D. Engineer.

some pictures of Prizes to best students in Government Higher Primary School, Sitharama Thanda, HOSPET (TQ), BELLARY (DIST), KARNATAKA (STATE) for TOPPER in Examination, art, sports, good handwriting, good reading, full attendence, clean dress etc on the eve of 62nd Independence Day of India and 63rd flag hoisting day on 15.08.2009. It is to motivate the students, teachers, parents, thanda leaders and gram panchayat president; members towards the upliftment of educationally backward students in thandas.Posted on August 17, 2009--------------------------------------------------------------------------------------------

Your & Yours caring friend
LAXMAN L.D, EngineerD.MT.E(Mettalurgy),

B.COM, LLB, (M.A-History)Kalyani Steels Ltd.

(Koppal tq & dist)Hopset, Bellary, KARNATAKACell No:09480729418Email.Id:ldlaxman.banjara@gmail.com

ldlaxman@yahoo.com

Tuesday, August 25, 2009

Ek vejo goar banjara.................

"JAI SEVALAL"Gor Bhai/bhaheno se na Ram! Ram!Ku trend change veroo ju voti saath saath aapan Gor sanskriti maan bhi change veerecha.Educated family ma aapan gor bhasha sikaarekoni an aapan traditional dress to kath bi dekharikoni.Atleast aapan gor sanskruti na protect karer responsibility aapan seer cha.Aapan gor jan kunsi community ppl population kai kam cheni.Har ek field ma aapan gor bhai cha.Paran aji bhi aapan community maa illiterate an cha.Aapan community ppl ma development vaasu aapan se bhalan kar saka cha.Aapan gor bhai all over india(almost) ma cha.Its a small try to unite our cmnty people aapan rich culture na jeevan rakanu."United we stand divided we fall"
regards,
Madhu mlathi.
bangalore, India

बंजारा समाज का इतिहास सदियों पुराना हैं

उज्जैन वैसे तो संपूर्ण भारत देश में भिन्न-भिन्न समाज जाति धर्म के लोग निवास करते है, जिनमें से एक बंजारा समाज है, जिसका इतिहास वर्षो नहीं सदियों पुराना है। भारत में वर्तमान में बंजारा समाज कई प्रांतों से निवास करता है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तरप्रदेश तथा मप्र प्रांतों में बंजारा समाज की संख्या अधिक है। पूरे देश में अपनी एक अलग ही संस्कृति में जीने वाले इस समाज को अपनी विशिष्ट पहचान के रूप में जाना जाता है। वैसे भारतीय संविधान अनुसार समाज विकास के लिए प्रदेश स्तर पर अलग-अलग कानून बनाये गये है, जिसके कारण बंजारा जाति को किसी प्रदेश में अनुसूचित जनजाति में तो किसी प्रदेश में पिछड़ा वर्ग या विमुक्त जाति की सूची में रखा गया है। देश में बंजारा समाज हेतु एक जैसा कानून नहीं होने से यह समाज आज भी विकास की मुख्य धारा से नहीं जुड़ गया है। इसके कारण मप्र सहित कई प्रांत के बंजारा जाति के लोग अपनी रोजी-रोटी हेतु अलग-अलग प्रांतों में पलायन कर अपनी अजीविका चला रहे है। राजनैतिक दृष्टि से यह समाज अपनी पहचान तक नहीं बना पाया है। वर्तमान में मप्र बंजारा जाति की जनसंख्या लगभग दस लाख है, फिर भी प्रदेश, जिला व ब्लाक स्तर पर इस समाज का प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण समाज आज भी विकास की राह देख रहा है। शासन को चाहिए की बंजारा समाज जिसकी संस्कृति ने भारत देश की संस्कृति से मिलती-जुलती है। ऐसे समाज को सरकारी व गैर सरकारी, राजनैतिक संगठनों में कम से कम इतना प्रतिनिधित्व तो दिया ही जाना चाहिए, जिससे सदियों से पिछड़े समाज के विकास का रास्ता प्रबल हो। समय होते हुवे यदि शासन स्तर पर समाज की कोई ठोस पहल नहीं की जाती है। समाज अब अपने अधिकारों के लिए और अधिक समय तक इंतजार नहीं करेगा व अपने स्तर पर विकास हेतु भावी राजनीति बनाने में जुट सकता है।
refrence
jagran

जातीय पंचायत की बलि


प्रशांत दुबे
भोपाल से

अब उनके फैसले को चुनौती देने वाला कोई नहीं है.भोपाल के बंजारा समुदाय ने जब अपने समाज की संगीता ऊर्फ विजया और उसके परिवार वालों का हुक्का पानी बंद कर दिया तो आठवीं पास संगीता बंजारा पंचायत के इस फैसले के खिलाफ उठ खड़ी हुईं. उन्होंने बंजारा पंचायत के फैसले को चुनौती दी.पंचायत ने फैसला सुनाया था कि अगर उन्हें बंजारा समुदाय में वापसी चाहिए तो पूरे समुदाय को मांस और शराब की दावत के साथ-साथ 5100 रुपए का जुर्माना भी चुकाना होगा. संगीता ने इससे इंकार कर दिया.
सामाजिक प्रताड़ना से तंग आकर संगीता ने अंततः आत्महत्या कर ली.

लेकिन समाज की प्रताड़ना बढ़ी तो वह टूट गई. बंजारा पंचायत के फैसले को चुनौती देने वाली संगीता ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली. जिस मुंहबोले भाई के कारण उन्होंने आत्महत्या की, वह भी बहन की मौत का सदमा सह नहीं सका और उसने भी जान दे दी.
अंतरजातीय विवाह के कारण आत्महत्या का यह मामला उस प्रदेश की राजधानी में हुआ, जहां गणतंत्र दिवस के दिन अंतरजातीय विवाह करने वालों को पुरस्कृत करने की परंपरा रही है.गुनाहभोपाल के चांदबड़ इलाके में रहने वाली बंजारा समुदाय की संगीता को उसकी मां की मौत के बाद पड़ोस के ब्राह्मण परिवार ने बेटी की तरह पाला था. बाद में उसकी संगीता की शादी अपने ही समुदाय के परसराम सिंह से हुई. बंजारा समुदाय से विवाद की शुरुवात तब हुई जब संगीता ने ब्राह्मण परिवार के अपने मुंहबोले भाई रंजन पांडे की शादी एक बांजारा लड़की रुचि से करायी. रंजन और रुचि दोनों ही विकलांग थे और दोनों को लगा कि उनका जीवन एक-दूसरे के साथ खुशी-खुशी कट जाएगा.

लेकिन बंजारा समाज के लोग इस अंतरजातीय विवाह से बेहद खफा थे. समाज के लोगों ने संगीता और ऑटो चला कर गुजारा करने वाले उसके पति परसराम सिंह को चेतावनी दी कि वे रंजन पांडे और रुचि को आश्रय देना बंद करें. पेशे से कंप्यूटर ऑपरेटर रंजन को जान से मारने की धमकी भी दी गई.बंजारा समाज की लड़की को अपनी बहु बनाने वाली रंजन की मां कहती हैं-“ संगीता और मेरी बहु रुचि पर बंजारा समाज का बहुत दबाव था.मेरे बेटे रंजन को भी बंजारा समाज के लोग गालियां बका करते थे.बंजारा समाज के लोग इस विवाह के लिए संगीता को जिम्मेवार मानते थे.”सामाजिक बहिष्कार1 जून को बंजारा समाज ने अपनी पंचायत बुलाई और परसराम सिंह और संगीता के परिवार को समाज से बेदखल करने का फैसला सुना दिया. बंजारा समाज ने शर्त रखी कि अगर परसराम सिंह का परिवार पूरे समाज को मांस और शराब की दावत दे और हरजाना के रुप में 5100 रुपए की रकम दे तो यह फैसला वापस लिया जा सकता है.संगीता इसके लिए तैयार नहीं हुईं. फिर समाज का दबाव बढ़ता चला गया. संगीता ने इस फैसले के खिलाफ जगह-जगह गुहार लगाई. विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्ध घुमक्कड़ जाति विकास अभिकरण के प्रदेशाध्यक्ष नारायण सिंह बंजारा ने संगीता को आश्वस्त किया कि यह समाज का आंतरिक मामला है और इसे समाज में ही निपटा लिया जाएगा. इसके लिए उन्होंने 12 जून तक की तारीख भी मुकर्रर की लेकिन नारायण सिंह ने इस मामले में खामोशी की चादर ओढ़ ली.बंजारा समाज का दबाव जब ज्यादा तेज़ हुआ तो संगीता और उसके मुंहबोले भाई रंजन ने हार मान ली. उन्होंने भोपाल के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कर स्पष्ट कर दिया कि अगर उनकी रक्षा नहीं की जाएगी तो वे आत्महत्या कर लेंगे.आत्महत्या की चेतावनीआम आदमी के सरोकारों को हाशिये पर रखने वाले अफसरों के लिए यह एक आम पत्र भर था और उसका हश्र भी वही हुआ.कहीं से कोई सहायता नहीं मिलने पर समाज की प्रताड़ना से तंग आ चुकी संगीता ने 24 जून को आत्महत्या कर ली. संगीता की आत्महत्या ने सबको हिला कर रख दिया. अपने मृत्यु पूर्व पत्र में संगीता ने अपनी मौत के लिए बंजारा समाज के लोगों को जिम्मेवार ठहराया था.संगीता की मौत का जिस पर सबसे अधिक असर पड़ा वो था उसका मुंहबोला भाई रंजन. उसी शाम रंजन ने भी आत्महत्या कर ली.महिला अधिकार मंच की सुश्री प्रार्थना मिश्र कहती हैं-“ यह कोई पहला मामला नहीं है, जब प्रशासन ने आम आदमी के गुहार की अनदेखी की. सागर के पीटीए अध्यक्ष शिवकुमार और बैतुल की पंच सुश्री उर्मिला बाई ने भी न्याय नहीं मिलने पर आत्महत्या कर लेने की इत्तला प्रशासन को पहले ही दी थी लेकिन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया. अंततः इन लोगों ने भी आत्महत्या कर अपनी जान गंवा दी. राज्य में इस तरह के अधिकांश मामले दलितों से जुड़े हुए हैं. ” संगीता की आत्महत्या के मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्थानीय जन संगठनों ने अपनी कमर कसी है. संगीता के पति परशराम भी कहते हैं-“ हम बंजारा समाज के इस अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे.”लेकिन जिस सरकारी तंत्र को कार्रवाई करनी है, उसकी सफाई है कि इस मामले का उन्हें पता ही नहीं चला.
जिले के कलेक्टर का कहना है कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है और प्रताड़ना से संबंधित मामले पुलिस अधीक्षक के पास भेज दिए जाते हैं. वहीं पुलिस अधीक्षक आत्महत्या से पूर्व किसी तरह की जानकारी मिलने से अपने को अनजान बता रहे हैं.जाहिर है, अंतरजातीय विवाह के कारण जातीय पंचायत की बलि चढ़ गए संगीता और रंजन अपने पीछे कई सवाल छोड़ गए हैं. लेकिन इन सवालों में किसी की भी दिलचस्पी नहीं है. पुलिस की डायरी में मामला दर्ज हो गया है. अब सालों-साल अदालत में मुकदमा चलता रहेगा और फिर कमज़ोर स्मृतियों वाला समाज सब कुछ भूल जाएगा.

क्रीमी लेअर दाखल्याविरोधात आंदोलन

मुंबई टाइम्स टीम, पालघर केंद आणि महाराष्ट्रातील काँग्रेस सरकार लोकांच्या मागण्यांच्या आड येत असल्याने आम्हाला मागण्या मान्य करून घेण्यासाठी रास्ता रोकोसारखं आंदोलन करणं काँग्रेस भाग पाडत आहे, असा आरोप भाजपच्या नेत्या स्मृती इराणी यांनी भटक्या विमुक्तांच्या मागण्यासाठी आज ठाणे जिल्ह्यातल्या बोईसर इथे रास्ता रोको आंदोलनाच्या वेळी बोलताना केला. अनुसूचित जाती, जमाती, भटक्या विमुक्ताना क्रिमिलेअरच्या सक्तीच्या दाखल्यातून वगळण्यात यावं यासाठी संपूर्ण महाराष्ट्रात आज आंदोलन करण्यात येत असून बोईसर इथे रेल्वे स्टेशनबाहेर आज स्मृती इराणी, भाजप महिला आघाडीच्या जिल्हा (ग्रामीण) अध्यक्षा अर्चना वाणी, माजी जिल्हा उपाध्यक्ष लाला बाजपेई, माजी जिल्हा अध्यक्ष मनीषा चौधरी, तालुका अध्यक्ष मधुकर पाटील आदींच्या नेतृत्वा- खाली रास्ता रोको करण्यात आलं. भटक्या विमुक्तांच्या प्रलंबित मागण्यासाठी अनेक वेळा धनगर समाज उन्नती मंडळ, बंजारा क्रांतीदल, भगवान सेना, वडार समाज महासंघ भाजप भटके विमुक्त आघाडीच्या वतीने अर्ज विनंत्या करण्यात आल्या, मात्र कुंभकर्णाची झोप घेतलेला काँग्रेस सरकारला जागे करण्यासाठी आज संपूर्ण महाराष्ट्र भर आंदोलन करण्यात आल्याचं स्मृती इराणी यांनी भाषणात सांगितलं. माजी जिल्हा अध्यक्षा मनीषा चौधरी यांनी आपल्या भाषणात काँग्रेस पक्षावर सडकून टीका केली. 'अनुसूचित जाती, जमाती, भटक्या विमुक्त जाती याआधीच आथिर्क दृष्ट्या गांजलेल्या आहेत. त्यांना क्रिमिलेअर दाखल्यासाठी तहसील कार्यालयात जाण्या- येण्यासाठी तसंच कागद पत्रांच्या जमवा-जमवीसाठी मोठा खर्च होतो. इतकंच नव्हे तर हा दाखला मिळवण्यासाठी कामधंदा, मोलमजुरी सोडून सात-आठ दिवस खचीर् घालवावे लागतात. असा दाखला रद्द केल्यास या समाजाला दिलासा मिळेल.' असं भाजपा महिला आघाडीच्या जिल्हा अध्यक्ष अर्चना वाणी यांनी सांगितलं. लाला बाजपेई यांनी क्रिमिलेअर दाखला जर रद्द केला नाही, तर उग्र आंदोलनाशिवाय जनतेला पर्याय नसून काँग्रेस सरकारने शहाणपण दाखवून दाखला रद्द करावा अशी मागणी केली

पंडित व राठोड यांना बंजारा समाज भूषण पुरस्कार

बीड, २५ जुलै/वार्ताहरगेवराईचे आमदार अमरसिंह पंडित यांना बंजारा समाज मित्र तर विभागीय समाजकल्याण अधिकारी रा. उ. राठोड यांना बंजारा समाज भूषण पुरस्कार जाहीर करण्यात आला असून या पुरस्काराचे वितरण कै. वसंतराव नाईक यांच्या जयंतीदिनी होणार असल्याची माहिती बंजारा क्रमचारी सेवा संस्थेचे उपाध्यक्ष पी. टी. चव्हाण यांनी दिली. बीड जिल्ह्य़ातील गेवराई येथे मागील दहा वर्षांपासून कर्मचारी सेवा संस्था व जयंती उत्सव समितीच्या वतीने बंजारा समाजाचा निर्धार मेळावा माजी मुख्यमंत्री कै. वसंतराव नाईक यांच्या जयंतीनिमित्त २६ जुलैला घेण्यात येतो. या वर्षी या मेळाव्यात बंजारा समाजाचे विविध प्रश्न सोडवण्यात आणि समाजाच्या उन्नतीसाठी योगदान देणारे आमदार अमरसिंह पंडित यांना बंजारा समाज मित्र पुरस्कार देऊन गौरविण्यात येणार आहे. तर औरंगाबाद विभागाचे समाजकल्याण अधिकारी रा. उ. राठोड यांना बंजारा समाज भूषण पुरस्कार दिला जाणार आहे.
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"नाईक यांच्याकडून बंजारा समाज विकासाचे कार्य"

डोंबिवली/प्रतिनिधी - बंजारा समाज विकासाचे मोठे कार्य माजी मंत्री वसंतराव नाईक यांनी केले. जो आपल्या बोलीभाषेतून बोलतो तो बंजारा, असे सांगत अन्न व औषध विभागाचे मंत्री मनोहर नाईक

यांनी बंजारा समाजाच्या गोरमाटी भाषेतून भाषण केले. अखिल भारतीय बंजारा समाजाचा दोन दिवसांचा उत्सव ह.भ.प. सावळाराम महाराज क्रीडासंकुलात आयोजित केला होता. यावेळी उपसभापती वसंत डावखरे, आयुक्त गोविंद राठोड, मोरसिंग राठोड, नगरसेवक नितीन पाटील, शिवाजी शेलार, शंकर पवार, बाळा म्हात्रे उपस्थित होते. बंजारा समाजाची डोंबिवलीत वास्तू होण्यासाठी आयुक्त राठोड यांनी एखादा प्लॉट या संस्थेला उपलब्ध करून द्यावा, डावखरे यांच्या प्रयत्नातून ही वास्तू उभी राहू शकते. पण तत्पूर्वी डावखरे यांना बळ द्या तुम्हाला ते शक्ती देतील, असा प्रचारही यावेळी नाईक यांच्याकडून करण्यात आला. बंजारा समाज हा दगड फोडण्याचे काम करतो. दगड फोडण्यासाठी त्याच्याजवळ जी शक्ती आहे ती शक्ती कोणालाही भेदू शकते. पण बंजारा समाज संघटित नसल्याने हा समाज भरडला जात आहे. प्रत्येक गोष्ट पैशाने होत नसते. हा समाज मोठय़ा प्रमाणावर संघटित होता. त्यासाठी निधीची गरज पडली नाही म्हणून विचाराने एक होण्याची गरज असल्याचे यावेळी आवाहन करण्यात आले. शिधावाटप पत्रिका तयार करताना येणाऱ्या अडचणी, नोकरी, व्यवसायातील लाभ मिळून देण्याची मागणी यावेळी करण्यात आली. देशात ७ कोटी बंजारा समाज आहे. दोनशे तांडे व्यवसायासाठी देशभर फिरतात. अडीच लाख लोक भटकत असतात. तीन लाख घरात वास्तव्य करून असतात. बंजारा समाज हा आंतरराष्ट्रीय मजूर होण्याची भीती यावेळी व्यक्त करण्यात आली.
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