सिका छ ,सीकावा छ, सीके राज घडवा छ,सीको गोरमाटी सिकलो रा, सिक सिक राज पथ चढलो रा,सीके वाळो सिक पर लेल सेवारो रूप रा.---Dr.Chavan Pandit


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Thursday, September 24, 2009

बंजारा हूँ मैं...!!!

बंजारा हूँ मैं...!!!

वो डूब गए, जो सब साथ थे मेरे,
बेज़ार, कमबख्त किनारा हूँ मैं...

तू आए तेरी मर्ज़ी, ना आए तेरी मर्ज़ी,
तेरे बिना भी वक़्त, गुज़ारा हूँ मैं...!

कोई नहीं मेरे पास, कभी ग़म ना हुआ,
आसमाँ में तन्हा तारा हूँ मैं...

मुझे देखते थे लोग, और माँगते दुआ,
अब टूटता नहीं, नाकारा हूँ मैं...!

कुछ पता नहीं चलता, समझ नहीं है,
कहे मंदिर मुझे, गुरुद्वारा हूँ मैं...

मैं मस्जिद भी जाऊं तो फ़र्क नहीं है,
मुझे कहता ख़ुदा, "तुम्हारा हूँ मैं"...!

यूँहीं कर ना यकीं, ज़रा देख ले मुझे,
मैं तुझ सा नहीं, आवारा हूँ मैं...

मत चल मेरे साथ, सुकून नहीं है,
कोई घर नहीं मेरा, बंजारा हूँ मैं...!

***अजनबी

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Jai sevalal,Gormati.......I think,you want to write something.

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