बिहार के वैशाली ज़िले में बंजारा समुदाय के जिन 10 लोगों को गुरुवार को चोरी के संदेह में पीट पीटकर मार दिया गया था, उनके शव रविवार को हाजीपुर-सोनपुर के निकट गंडक नदी के दलदल में फंसे हुए देखे गए. इस बारे में झकझोर देनेवाली बात यह है कि ये शव वैशाली ज़िला प्रशासन को अंतिम संस्कार के लिए सौंपे गए थे. लेकिन ऐसा न करके इन शवों को नदी में फेंक दिया गया और यह झूठी सूचना वहाँ के संबंधित अधिकारियों ने जारी कर दी कि सभी 10 शवों को सरकारी खर्चे पर विधिपूर्वक दाह संस्कार संपन्न करा दिया गया. रविवार को जब ये शव फूलकर छिन्न-भिन्न स्थिति में उथले दलदल में दिखे तो स्थानीय प्रशासन का संवेदनहीन चेहरा भी सामने आ गया. संवेदनहीनता हाजीपुर के जिस कोनहारा घाट पर दाह संस्कार संपन्न कराने की ख़बर उस दिन वैशाली ज़िला प्रशासन ने अपने राज्य मुख्यालय को दी थी, वहीं के एक पुजारी ने इन शवों की सूचना प्रशासन को दी. उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशासन से जुड़े दो अधिकारी एक नाविक को कुछ रुपए देकर ये कहते हुए लाशों को वहीं छोड़ गए कि इन्हें नदी में ले जाकर फेंक देना. जब ये ख़बर मुख्यमंत्री नीतिश कुमार तक पहुँची तो इसकी गंभीरता समझ उन्होंने फौरन उच्च अधिकारियों को तलब किया और दोषी अधिकारियों पर अविलंब कार्रवाई का निर्देश किया. परिणाम स्वरूप वैशाली के जिलाधिकारी लल्लन सिंह और पुलिस अधीक्षक अनुपमा निलेकर का फौरन तबादला कर दिया गया. उनकी जगह प्रतिमा एस वर्मा को वैशाली का नया ज़िलाधिकारी और पारसनाथ को वहाँ का पुलिस अधीक्षक बनाकर भेजा गया है. साथ ही तीन अधिकारियों को निलंबित किया गया, वे हैं जिला कल्याण पदाधिकारी सर्वेश बहादुर माथुर, हाजीपुर नगर थाना प्रभारी रामकृष्ण सिंह और राजापाकर पुलिस थाने की दरोगा विभाकुमारी. इन्हीं अधिकारियों पर शवों के अंतिम संस्कार की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी. लेकिन इस मामले में जैसी कर्तव्यहीनता बरती गई, उससे लोगों में आक्रोश है |
Headline
Saturday, October 17, 2009
बिहार प्रशासन ने लाशें नदी में बहा दीं
Hand Paintings
Gormati Headline Animator


No comments:
Post a Comment
Jai sevalal,Gormati.......I think,you want to write something.